सद्गुरु कहते हैं।
अधिक सोच-विचार को कैसे रोके क्या कुछ खास मुद्राओं का उपयोग किए बिना ऐसा कुछ संभव है. यह सब छोटी सी मदद है. थोड़ी सी आप शिव या कृष्ण को सावधान मुद्रा में बैठे हुए हैं. कभी नहीं देखे हैं अगर मैं सिर्फ 20 मिनट के लिए अपना आंख बंद कर लूं तो फिर मैं दिन भर के लिए तैयार हो जाता तो यह सब अच्छी मदद है. पर ऐसा करने का सिर्फ यही तरीका है. नहीं आप बस बैठ सकते हैं. अगर आप बस यूं ही बैठना सीख जाए तो बस बहुत तेज बन जाएंगे फिलहाल आपके ऊर्जा लगातार गैर जरूरी अंत ही गतिविधि करने में खर्च हो रही है जब आपको इतना मानसिक दस्त है तो आपने ऊर्जा कैसे होगी मान लीजिए आप को दस्त तो आप कितना कमजोर महसूस करते हैं हां या ना अभी यह मानसिक दस्त है इसलिए लोगों में उर्जा नहीं वह हर समय सिर्फ खाना या सोना चाहते हैं क्योंकि मानसिक दस्त बहुत थका देता है अगर आपको शारीरिक दस्त है तो आप जानते हैं कि यह कितना थकाने वाला होता है. या फिर इतना ही थकान है लोग दिन में 8 घंटे 10 घंटे सो रहे हैं इसलिए नहीं कि वह बहुत काम कर रहे हैं या उनका शरीर बहुत खराब हालत में यह सिर्फ मानसिक दस्त है अगर आप मानसिक दस्त को रोकने फिर से बहुत तेज बनाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा होगी अब मैं मानसिक दस्त को कैसे रोकें अगर आप को दस्त शारीरिक डायरिया हो तो ठीक होने के लिए पहली चीज आप क्या करेंगे
सद्गुरु कहते हैं।
तबीयत ठीक करने के लिए पहली चीज आप क्या करते हैं पहली चीज है खाना बंद करना ठीक हां या ना डायरिया का मतलब हमने कुछ ऐसा खा लिया है जो शरीर नहीं चाहता वह उसे बाहर फेंकने के लिए कोशिश कर रहा है अपने अपने अंदर कुछ डाला है जो शरीर को पसंद नहीं है वह उसे बाहर फेंकना चाहता है पहली चीज है कुछ समय से दूर है आप खराब खाना खाते हैं दस्त रोकने की कोशिश करते हैं यह काम नहीं करेगा
तो इसी तरह मन के लिए खराब खाना बस यह है
आपने उन चीजों से अपनी पहचान जोड़ ली है जो आप नहीं जिस पर आप उन चीजों से पहचान जोड़ लेते हैं जो आप नहीं हैं तो मानसिक दस्त होना लाजमी है यह मन के लिए खराब खाना है यह अब अंतहीन दौड़ेगा जो चाहे कीजिए आप चाहे जो भी ध्यान कीजिए राम का नाम लीजिए मैंने नहीं रुकने वाला क्योंकि खराब खाना खाया जा रहा है हर दिन आप ज्यादा और ज्यादा चीजों से अपनी पहचान जुड़ते जा रहे हैं और आप मन को रोकना चाहते हैं जिस तरह का सर्कस चाहे आप कीजिए यह रोकने वाला नहीं है अगर आप हर चीज से अपनी पहचान अलग कर ले अगर आप समझते हैं कि आप क्या हैं और आप क्या नहीं है अगर आप उससे थोड़ी दूरी रखते हैं तो मन शांत हो जाएगा अगर आप चाहे तो उसका इस्तेमाल कर सकते हैं वरना उससे ऐसा ही रख सकते हैं यह मेरा हाथ है मैं चाहूं तो इसे हिला सकता हूं वरना यूं ही रख सकता हूं यह एक उपयोगी हाथ है मान लीजिए कि या यूं ही उछलने लगता है तो आप सब जान जाएंगे कि कोई बीमारी है है ना हां या ना! अगर हाथ उछल रहा है
तो आप जान रहे हैं कि यह एक बीमारी है अगर मन खुद रहा है तो यह बीमारी है या नहीं! हां. लगातार भोजन से यह बीमारी आई है आपने अपने मन से कहा कि मैं यह हूं मैं यह हूं मैं वह हूं मैं वह हूं उसे दस्त हो गया आप उसे गलत खाना देना बंद कर दीजिए अगर आप साफ-साफ देखते हैं क्या अगर आप यह नहीं जानते कि मैं क्या हूं. तो कम से कम कि आप यह जानते हैं कि मैं क्या नहीं हूं. आप इतना कीजिए आज रात सोने से पहले अपने बिस्तर पर बैठिए और बैठकर वह सब कुछ छोड़ दीजिए जो आप नहीं आपका यह घर जिसमें आप रह रहे हैं क्या मैं हूं नहीं यह प्यार करने वाले माता पिता पत्नी या पति या बच्चे शानदार है पर क्या यह मैं हूं नहीं अभी अच्छे कपड़े जो मैं पहना हूं क्या यह मैं हूं नहीं, अब मेरा शरीर मुझे यह पसंद है पर क्या यह मैं हूं? नहीं, अब मेरे आस-पास तमाम वह विचार है क्या यह मैं हूं नहीं, अब मेरी भावना बहुत शानदार है क्या या मैं हूं नहीं इस तरह हर चीज जो आप नहीं है उसे सोने से पहले नीचे गिरा दे और सो जा कल सुबह आप आज की तुलना में काफी ज्यादा तीव्र लगेंगे हैं हर दिन आप ऐसा कीजिए कुछ दिन बाद अगर आप बस यूं ही बैठेंगे तो आपके आसपास चीजें स्पंदित होंगे. सद्गुरु कहते हैं की जब मैं दो साल पहले अमेरिका में थे. तब एक महिला मेरे पास आई और बहुत गुस्से में थी और बोली पिछले 35 साल से योग कर रही हूं कुछ नहीं हुआ लेकिन आप जाकर एक चट्टान पर बैठे और आपके साथ चीजें घटित हो गया यह ठीक नहीं है वह चट्टान कहां है. सद्गुरु हंसकर बोले महिला को लगा चट्टान ने ऐसा किया.
सद्गुरु कहते हैं
मैंने जीवन में एक ही साधना किया है हालांकि काफी छोटी उम्र से मैं अपने आसपास हर किसी के साथ बहुत सक्रिय रूप से शामिल रहता था पर मैंने कभी अपने माता-पिता के साथ या अपने भाई बहन या अपने अनगिनत दोस्तों या समाज या धर्म यादें या मेरे आस-पास कोई भी चीज खुद की पहचान नहीं जोड़ी ऐसा कभी नहीं किया ऐसा नहीं है कि मैं शामिल नहीं रहता था मैं बहुत ज्यादा समझ रहता था. और बहुत सक्रिय था आज भी मैं बहुत सक्रिय और शामिल हूं पर पहचान नहीं जोड़ता अगर आप किसी भी चीज के साथ पहचान नहीं जोड़ते हैं तो इसमें तीव्र होने के लिए पर्याप्त ऊर्जा है
सद्गुरु कहते हैं
देखिए मैं चाहता हूं कि आप समझे अभी जब आप यहां बैठे हुए हैं आपके शरीर में आपके जीवन उर्जा कितनी चीजें कर रही हैं हेलो क्या आप जानते हैं इसकी गतिविधियां कितनी जटिल है शरीर की हर कोशिका आपका लिवर आपकी किडनी और तमाम तरह की चीजें जिन्हें हम आज भी समझ नहीं पाए हैं बस यह देखिए कि जब आप यहां बैठे हैं ऊर्जा कितने काम कर रही हैं जाहिर है यह सब करने के लिए ऊर्जा जरूर तीव्र ही होगी मानसिक दस्त के कारण आप उसका अनुभव नहीं कर पा रहे हैं जवाब को दस्त होते हैं तो अब ऐसा ही महसूस करते हो हां या ना तो यह ऐसा ही है इस दस्त को रोकिए खराब खाना बंद कीजिए दस्त बंद हो जाए जब दस्त बंद हो जाएंगे तब इसमें यहां बैठकर बहुत ही तीव्र तरीके से स्पंदित होने के लिए पर्याप्त ऊर्जा होगी