हमारे देश की नई राष्ट्रपति माननीय श्री द्रौपदी मुर्मू जी ने भारतीय इतिहास के 15 राष्ट्रपति की कुर्सी को संभाला है वर्तमान में भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति श्री द्रौपदी मुर्मू जी हैं।
द्रौपदी जी ने रूस में राष्ट्रपति शपथ ग्रहण की और राष्ट्रपति की गद्दी को संभालने का निर्णय लिया इसी दौरान उन्होंने अपने जीवन की कहानी को देश के सामने पेश किया जिसमें एक वाक्या क्या ऐसा भी है जो हम सभी को अंदर तक छू जाएगा और यकीन दिलाएगा कि श्री द्रौपदी मुरमू जी का जीवन पूरे भारतवर्ष के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।
दरअसल राष्ट्रपति माननीय श्री द्रोपदी मुर्मू जी ने अपने जीवन की कहानी के दौरान एक बात का जिक्र किया और बताया कि प्राथमिक श्रेणी की शिक्षा अथवा प्राइमरी शिक्षा प्राप्त कर पाना भी उनके लिए एक सपना था।
वह उड़ीसा की एक पिछड़े माहौल तथा पिछड़े क्षेत्र से परिचय रखती हैं जहां एक समय प्राइमरी शिक्षा प्राप्त करना भी चुनौती का विषय था, श्री द्रौपदी जी ने अपने बाल जीवन में अनेकों प्रकार की चुनौतियों का सामना किया उनके इलाके का सुख सुविधाओं और सही आर्थिक स्थिति दोनों से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं था।
बड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार श्री द्रोपति मुर्मू जी का दाखिला नजदीकी प्राइमरी स्कूल में कराया गया और उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई इन्हीं घटनाओं तथा चुनोतियों के चलते पूरी की।
श्री द्रौपदी जी अब तक अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी लेकिन आगे की पढ़ाई करना और भी मुश्किल वाला कार्य था, कॉलेज में एडमिशन लेना उनके लिए काफी चिंतित विषय बन गया था तथा कई दिनों तक इसी विचार पर तनाव को भी झेलना पड़ा और जैसे तैसे करके वह गांव से दूर कॉलेज की पढ़ाई करने हेतु निकल गई ।
श्री द्रौपदी मुर्मू जी अपने गांव की इकलौती बेटी थी जो कि इतिहास में पहली बार कॉलेज पढ़ने के लिए गई थी। संपूर्ण शिक्षा प्राप्ति के बाद आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु सहारा भी बनी और लगभग 64 वर्ष की आयु में श्री द्रौपदी मुर्मू जी राजनीति के क्षेत्र मे आगे बड़ी। द्रौपदी मुर्मू जी ने अपने क्षेत्र की नेता और देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रसासनिक पोस्ट पाकर इतिहास रच दिया।
इन सभी विषयों पर चर्चा करते हुए श्री द्रौपदी मुर्मू जी ने अमृतवाणी और ऊर्जावान शब्दों शब्द कहे जो कुछ इस प्रकार हैं-
श्री देव जी के अनुसार: ” इस स्वतंत्र भारत में रहने वाले सभी गरीबों को सपने सिर्फ सोच विचार के लिए नहीं बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए भी आते हैं, जिसे अगर वो ठान ले तो एक दिन उन सपनो को पूरा कर पाना कोई बड़ी चुन्नौती नही होती, वो एक दिन जरूर पूरा करते हैं”
भारत के राष्ट्रपति श्री द्रोपदी मुर्मू जी का परिवारिक बैकग्राउंड
श्री द्रौपदी मुर्मू जी का जन्म 20 जून सन 1958 में उड़ीसा के वेदापोसी नामक एक छोटे से गांव में हुआ था।
इन्होंने पहली बार राजनीति क्षेत्र में कदम सन 1997 में रखा जब वे रायनगर पंचायत के काउंसलर के तौर पर चुनी गई।
इसके महज 3 वर्ष बाद यानी सन 2000 में उड़ीसा राज्य के मंत्री बनी और मंत्री पद को संभालने के 5 वर्ष बाद यानी कि सन 2015 में द्रौपदी मुर्मू जी झारखंड राज्य की राज्यपाल बनी।