स्वामी विवेकानंद की 115 वी स्मृति दिवस मनाया गया।
जमुई से अमित कु सविता की रिपोर्ट
सिकन्दरा प्रखंड के सबलबीघा स्थित स्वामी विवेकानंद आवासीय विद्यालय में मंगलवार को विद्यालय के चेतना सत्र में स्वामी विवेकानंद की 115 वीं स्मृति दिवस प्रबंधक प्रवीण मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजन किया गया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान स्कूल के बच्चे व शिक्षकों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया।
विद्यालय के चेतना सत्र में स्वामी विवेकानंद की पुन्य स्मृति दिवस के मौके पर समाज सेवी अरुण कुमार मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय अध्यात्म का परचम दुनियाभर में लहराने वाले और भारत की गौरवशाली परंपरा एवं संस्कृति के सच्चे संवाहक स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। विवेकानंद जी साहित्य दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान थे। विवेकानंद का मूल नाम ‘नरेंद्रनाथ दत्त’ था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकील थे और मां भुवनेश्वरी धर्मपरायण महिला थीं।
नरेंद्रनाथ आगे चलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। वह युगांतकारी आध्यात्मिक संत थे। मात्र 39 वसंत देखने वाले युवा संन्यासी और युवाओं के ‘हृदय सम्राट’ नरेंद्र यानी स्वामी विवेकानंद ने युवाओं का आह्वान किया था- ‘‘गीता पढ़ने के बजाय फुटबॉल खेलो।’’ दरअसल वह कर्मयोगी और युगद्रष्टा थे इसलिए उनका उद्घोष था- ‘‘उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य को न प्राप्त कर लो।’’
अपने समय से बहुत आगे की सोचने वाले महान चिंतक और दार्शनिक विवेकानंद वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बहुत महत्व देते थे। वह शिक्षा और ज्ञान को आस्था की कुंजी मानते हैं। स्त्री शिक्षा के वह विशेष हिमायती थे।
उन्होंने 1893 में अमेरिका के शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में जब कहा ‘‘अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों!’’ तब यह वाक्यांश सुनते ही पूरा अमेरिका उनका मुरीद बन गया। सभागार तालियों से गूंज उठा। भारतीय धर्म अध्यात्म और दर्शन पर उनके संबोधन से सारा अमेरिका चकित रह गया। स्वामी विवेकानंद गौतम बुद्ध को अपना आदर्श मानते थे। 4 जुलाई 1902 को उनका देहावसान हो गया। प्रवीण मिश्रा के द्वारा उपस्थित सभी बच्चों के बीच पुस्तक का भी वितरण किया गया ।
इस मौके पर शिक्षक बबलू मिश्रा ,बलराम मिश्रा ,प्रबंधक प्रवीण मिश्रा ,पूजा कुमारी ,अरबिंद मिश्रा आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।